Sunday, May 25, 2014

पानी !!!

एक वयस्क व्यक्ति के शरीर में औसतन 35 से 40 लीटर पानी हमेशा बना रहता है। एक वयस्क पुरुष के शरीर में पानी उसके शरीर के कुल भार का लगभग 65 प्रतिशत और एक वयस्क स्त्री शरीर में उसके शरीर के कुल भार का लगभग 52 प्रतिशत तक होता है।

हमारी हड्डियाँ, जो देखने में ठोस और कड़ी मालूम होती हैं, में 22 प्रतिशत पानी होता है। हमारे दाँतों में 10 % प्रतिशत, त्वचा में 20 %, मस्तिष्क में 75 %, मांसपेशियों में 75% , और खून में 83  % पानी होता है। 

 

जिस प्रकार नहाने से शरीर के बाहर की सफाई होती है, ठीक उसी प्रकार पानी पीने से शरीर के अंदर की सफाई होती है। 

खून में पानी की मात्रा कम होने से मस्तिष्क के जल आपूर्ति सूचना केन्द्र हाइपोथैलेमस में संकेत पहुँचते हैं और हमें प्यास लग जाती है।
  
बहुत से रोगों में पानी दवा का काम करती है । ठन्डे और गरम पानी में अलग अलग औषधि गुण होते हैं । कई रोगों में ठंडा और कई रोगों में गरम पानी दवा का काम करती है ।

पानी का उपयोग

1) प्रतिदिन 5 गिलास पानी पिने से पेट के कैंसर का खतरा 4 5 % कम हो जाता है । इसके साथ स्तन कैंसर न होने की गारेंटी भी 7 9 % बढ़ जाती है । ब्लड कैंसर होने की सम्भावना भी 5 0 % कम हो जाती है । 
2) रात में एक गिलास पानी पीने से आधी रात में लगने वाली भूख का अहसास ख़त्म हो जाता है । 
3) अनुसन्धान बताते हैं की पीठ और जोड़ों के दर्द से ग्रस्त लोगों ने 8 -1 0 गिलास रोज़ पानी पिया तो उनमें से 8 0 % लोगों ने अपने कष्ट  में आराम पाया । 
4) भोजन करने  के बाद एक कप गर्म पानी पीने से न केवल भोजन ही अच्छी तरह से पचता है वरन वजन भी कम होता है । 
5) महीने में प्रति किलो शरीर का वजन कम करने के लिए प्रति दिन उतने ही लीटर पानी पानी चाहिए । लेकिन यह 3 -4 लीटर प्रतिदिन से अधिक नहीं होनी चाहिए । मलेरिया में जब ठंड लगती है, तब गुनगुना पानी पीना लाभदायक होता है। 
6) बुखार के रोगी का पसीना निकालने हेतु भी गरम पानी देना चाहिए। 
7) अम्लता के रोगी को व गठिया के रोगी को भी गुनगुना पानी पीना चाहिए। पेट दर्द में गरम पानी लाभ करता है, लेकिन इसे चुस्की लेकर पीना चाहिए। 
8) अजीर्ण रोग, वात रोग तथा कामला रोग में पानी औषधि का काम करता है, कामला में 5-6 लीटर पानी पीने का प्रयास करना चाहिए। 
9) जुकाम होने पर नीबू डालकर पानी पीने से लाभ होता है। पथरी रोग में पर्याप्त पानी पीने से यकृत साफ रहता है, पित्त तरल होता है व पथरी गलकर निकल जाती है। 
10) कभी भी कोई अंग आग से जलने या झुलसने पर तुरंत उस अंग को ठन्डे पानी में डूबा कर रख दें, इससे जलन तो दूर होगी ही घाव पर फफोले भी नही पड़ेंगें । 
11) अगर कभी मोच आ जाये या चोट लग जाए तो उस स्थान पर खूब ठन्डे पानी की पट्टी लगा दें , बर्फ भी लगा सकते हैं । इससे न तो सुजन होगी और न ही दर्द बढेगा । यदि चोट लगने या कटने से खून आ जाये तो वहां बर्फ या खूब ठन्डे पानी की पट्टी लगा दें तो आराम मिलेगा । 
12) इंजेक्शन लगा देने से यदि उस स्थान पर सुजन आ जाये या दर्द बढे तो ठन्डे पानी की पट्टी या बर्फ का लगायें । 
13) यदि रात में नींद न आ रही हो तो दोनों पैरों को सहन करने योग्य गुनगुने पानी में घुटने तक पंद्रह मिनट डूबा कर रखें , फिर पैरों को बाहर निकाल कर पोंछ लें तो शीघ्र नींद आ जाएगी । 
14) Diarrhea में पानी की कमी को पूरा करने  के लिए जीवन रक्षक घोल जरुर पिये । 
15) बोतल से सीधा मुंह लगाकर पानी न पिए इससे बहुत सी हवा भी पानी के साथ पेट में चली जाती है , और पेट फूल जाता है । । पानी सदेव गिलास में डाल कर , घूंट ले ले कर पियें एक सांस में इकठ्ठा न पिए । 

आज दुनिया भर की लगभग आधी आबादी डी - हाइड्रेटेड है । यह बताता है की हम पानी पीने में कितनी लापरवाही बरतते हैं । अमेरिका में हुए सर्वेक्षण से यह पता चला है की अमेरिका में लगभग 7 5 % लोगों का शरीर पानी की कमी का शिकार बन चूका है । और 3 7 % अमेरिकियों में प्यास तंत्र इतना कमज़ोर हो चूका है की पानी की प्यास को को भोजन की कमी समझा जाता है ।

मुख्य अनुसंधानकर्ता लारेंस आर्मस्ट्रांग ने कहा हमें प्यास की जरूरत तब तक नहीं महसूस होती जब तक कि शरीर में पानी की कमी एक या दो प्रतिशत नहीं हो। तब तक निर्जलीकरण की स्थिति संभलती है तब तक हमारे दिमाग और शरीर पर असर पड़ना शुरू हो जाता है।

विज्ञान  का कहना है की यदि आपके शरीर में पानी का स्तर में मात्र 2 % की गिरावट हो जाए तो बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जैसे ... 

1) शोर्ट टर्म मेमोरी लोस या कमज़ोर याददाश्त । 
2) सरल गणित करने में कठिनाई । 
3) ध्यान केन्द्रित करने में कठिनाई । 
4) जल्दी थकान का अनुभव होना । 
5) ज़रा सा भी डी -हाइड्रेशन होने पर मेटाबोलिज्म रेट का 3 % कम होना ।  

अधिक लाभ के लिए कब पानी पिए ? 

1) सुबह उठकर 2 गिलास पानी पीने से आन्तरिक अवयवों की सफाई होती है और वे सुचारू रूप से कार्य करते हैं । 
2) भोजन करने से आधे घन्टे पहले 1 गिलास पानी पीने से भोजन अच्छी तरह से पचता है । 
3) नहाने से पहले 1 गिलास पानी पीने से बड़ा हुआ ब्लड प्रेशर कम होता है ।  
4) सोने से पहले 1 गिलास पानी पीने से स्ट्रोक और हार्ट अटैक की संभवना कम हो जाती है । 
5) भोजन करते समय या एक दम बाद ठंडा या सामान्य पानी पीने पेट दर्द , गैस और खट्टी डकार की समस्या उत्पन्न हो सकती है । भोजन करते समय पानी न पिए इससे भोजन आसानी से नहीं पचता है |                                                                                                  


विशेष नोट

अति किसी भी चीज़ की हानि ही करती है आवश्कता से अधिक पानी पीना  भी  स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक  हो सकता है | इससे किडनी के ऊपर अतिरिक्त कार्य करने के लिए दबाब बनता है और उसमें खराबी आ सकती है , शरीर में उपस्थित electrolytes   खास कर सोडियम की मात्रा  में काफी कमी  हो सकती है , जिसके कारण  मस्तिष्क की कोशिकाओं के साथ शरीर की अन्य कोशिकाओं में  सूजन  आ सकती है  जिसके चलते खून का अत्यन्त  पतला होना , सर दर्द, उल्टी , बेहोश होना , दौरे पड़ना , पैरों का फूलना  [Leg edema ] ,  ब्लड प्रेशर का  बड़ना  आदि होने की सम्भावना हो सकती है ।  लगातार फ़िल्टर पानी पीने  से शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है , पानी को साफ़ करने  के लिए इस्तमाल किये गए disinfection  chemicals  शरीर के ऊपर दुष्प्रभाव डालते हैं ।



अतः पानी जितनी जरूरत हो उतना ही पीये , स्वच्छ पानी पिये  , प्यास लगने पर पानी  जरुर पीये  , एक घंटे में कभी चार गिलास [ 1  लीटर ]  से अधिक पानी न पिये   और पानी हमेशा घूंट घूंट करके या सिप करके पिये  ।

द्वारा 

गीता झा 

                 Nice clean moving animated rendition of Horseshoe Falls at Niagara Falls Canada


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