तू छुपी है कहाँ मैँ तड़पता यहाँ .......
तेरे बिन फीका फीका है दिल का जहाँ
तू छुपी है कहाँ मैँ तड़पता यहाँ
तू गई उड़ गया रंग जाने कहाँ
तेरे बिन फीका फीका है दिल का जहाँ
तू छुपी है कहाँ मैँ तड़पता यहाँ .......
दिल की महफ़िल में जब न मुझे तुम मिले
साँस लेती हूँ आके इस सुनसान में
इन बहारों में जब न तुझे पा सकी
तो तड़पती हूँ आके इस वीरान में
तेरे बिन फीका फीका है दिल का जहाँ
तेरे रंगीन सपनोँ के रंगों मेँ
उमंगोँ मेँ जब ना तुझे पा सकी
ढूँढती हूँ मैं ग़म की तरंगोँ मेँ
तेरे बिन फीका फीका है दिल का जहाँ
तू छुपी है कहाँ मैँ तड़पता यहाँ .........
मैँ छुपी हूँ पिया तेरी पलकन मेँ
तेरी धड़कन मेँ
तेरी हर साँस मेँ
तेरी हर आस मेँ
मैँ छुपी हूँ कहाँ मेरा ये राज़ सुन
दर्द के हाथोँ ग़म से भरा साज़ सुन
मेरे रोते हुए दिल की आवाज़ सुन
जब तलक तेरा मेरा न होगा मिलन
मैँ ज़मीँ आसमाँ को हिलाती रहूँगी
आखिरी आस तक आखिरी साँस तक
खुद तड़पूँगी और तड़पाती रहूँगी
ये कौन घुँघरू झमका
ये कौन चाँद चमका
ये धरती पे आसमान आ गया पूनम का
ये कौन फूल महका
ये कौन पंछी चहका
महफ़िल मेँ कैसी खुशबु उड़ी
दिल जो मेरा बहका
लो तन मेँ जान आई
होँठोँ पे तान आई
मेरी चकोरी चाँदनी मेँ कर के स्नान आई
बिछड़ा वो मीत आया
जीवन का गीत आया
दो आत्माओँ के मिलन का दिन पुनीत आया
सूरत है मेरे सपनोँ की तू सोहिनी
जमुना तू ही है तू ही मेरी मोहिनी
तेरे बिन फीका फीका है दिल का जहाँ
तू छुपी है कहाँ मैँ तड़पता यहाँ ..........
तू छुपी है कहाँ मैँ तड़पता यहाँ
तू गई उड़ गया रंग जाने कहाँ
तेरे बिन फीका फीका है दिल का जहाँ
दिल की महफ़िल में जब न मुझे तुम मिले
साँस लेती हूँ आके इस सुनसान में
इन बहारों में जब न तुझे पा सकी
तो तड़पती हूँ आके इस वीरान में
तेरे बिन फीका फीका है दिल का जहाँ
तू छुपी है कहाँ मैँ तड़पता यहाँ .........
ये नज़रेँ दीवानी जो खोयी हुईँ
तेरे रंगीन सपनोँ के रंगों मेँ
उमंगोँ मेँ जब ना तुझे पा सकी
ढूँढती हूँ मैं ग़म की तरंगोँ मेँ
तेरे बिन फीका फीका है दिल का जहाँ
तू छुपी है कहाँ मैँ तड़पता यहाँ .........
मैँ छुपी हूँ पिया तेरी पलकन मेँ
तेरी धड़कन मेँ
तेरी हर साँस मेँ
तेरी हर आस मेँ
मैँ छुपी हूँ कहाँ मेरा ये राज़ सुन
दर्द के हाथोँ ग़म से भरा साज़ सुन
मेरे रोते हुए दिल की आवाज़ सुन
जब तलक तेरा मेरा न होगा मिलन
मैँ ज़मीँ आसमाँ को हिलाती रहूँगी
आखिरी आस तक आखिरी साँस तक
खुद तड़पूँगी और तड़पाती रहूँगी
ये कौन घुँघरू झमका
ये कौन चाँद चमका
ये धरती पे आसमान आ गया पूनम का
ये कौन फूल महका
ये कौन पंछी चहका
महफ़िल मेँ कैसी खुशबु उड़ी
दिल जो मेरा बहका
लो तन मेँ जान आई
होँठोँ पे तान आई
मेरी चकोरी चाँदनी मेँ कर के स्नान आई
बिछड़ा वो मीत आया
जीवन का गीत आया
दो आत्माओँ के मिलन का दिन पुनीत आया
सूरत है मेरे सपनोँ की तू सोहिनी
जमुना तू ही है तू ही मेरी मोहिनी
तेरे बिन फीका फीका है दिल का जहाँ
तू छुपी है कहाँ मैँ तड़पता यहाँ ..........
Divine Dance of Soul and Consciousness
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