Sunday, July 13, 2014

तुम मुझे भूल भी जाओ तो ये हक़ है तुमको



तुम मुझे भूल भी जाओ तो ये हक़ है तुमको          
मेरी बात और है मैंने तो मुहब्बत की  है   
मेरे दिल की मेरे जज़बात की कीमत क्या है 
उलझे-उलझे से ख्यालात की कीमत क्या है 
मैंने क्यूं प्यार किया तुमने क्यूं प्यार किया 
इन परेशान सवालात कि कीमत क्या है  
तुम जो ये भी बताओ तो ये हक़ है तुमको
मेरी बात और है मैंने तो मुहब्बत की है  
तुम मुझे भूल भी जाओ तो ये हक़ है तुमको
ज़िन्दगी सिर्फ़ मुहब्बत नहीं कुछ और भी है  
ज़ुल्फ़--रुख़सार की जन्नत नहीं कुछ और भी है 
भूख और प्यास की मारी हुई इस दुनिया में  
इश्क़ ही एक हक़ीकत नहीं कुछ और भी है 
तुम अगर आँख चुराओ तो ये हक़ है तुमको  
मैंने तुमसे ही नहीं सबसे मुहब्बत की है 
तुमको दुनिया के ग़म--दर्द से फ़ुरसत ना सही
सबसे उलफ़त सही मुझसे ही मुहब्बत ना सही 
मैं तुम्हारी हूँ यही मेरे लिये क्या कम है
तुम मेरे होके रहो ये मेरी क़िस्मत ना सही 
और भी दिल को जलाओ ये हक़ है तुमको
मेरी बात और है मैंने तो मुहब्बत की है 
तुम मुझे भूल भी जाओ तो ये हक़ हैं तुमको
की हैं मेरी बात और हैं मैंने तो मुहब्बत की है 




No comments:

Post a Comment