Thursday, July 24, 2014

कहाँ तुम चले गये

                        
कहाँ तुम चले गये ……




चिट्ठी ना कोई संदेश

जाने वो कौन सा देश जहाँ  तुम चले गये


चिट्ठी ना कोई संदेश

जाने वो कौन सा देश जहाँ  तुम चले गये

जहाँ  तुम चले गये.....

इस दिल पे लगा के ठेस जाने वो कौन सा देश

जहाँ  तुम चले गये...

एक आह भरी होगी हमने ना सुनी होगी

जाते जाते तुमने आवाज़ तो दी होगी

हर वक़्त यही है गम, उस वक़्त कहाँ  थे हम

कहाँ  तुम चले गये.....

चिट्ठी ना कोई संदेश जाने वो कौन सा देश

जहाँ  तुम चले गये 
जहाँ  तुम चले गये

इस दिल पे लगा के ठेस जाने वो कौन सा देश

जहाँ तुम चले गये...


हर चीज़ पे अश्कों से लिखा है तुम्हारा नाम

ये रास्ते घर गलियाँ तुम्हे कर ना सके सलाम

है दिल में रह गयी बात, जल्दी से छुड़ा कर हाथ

कहाँ  तुम चले गये.....

चिट्ठी ना कोई संदेश जाने वो कौन सा देश

जहाँ तुम चले गये जहाँ  तुम चले गये

इस दिल पे लगा के ठेस जाने वो कौन सा देश

जहाँ तुम चले गये...


अब यादों के काँटे इस दिल में चुभते हैं

ना दर्द ठहरता है ना आँसू रुकते हैं

तुम्हे ढूँढ रहा है प्यार, हम कैसे करें इक़रार

की हाँ तुम चले गये.....

चिट्ठी ना कोई संदेश जाने वो कौन सा देश

जहाँ  तुम चले गये जहाँ  तुम चले गये

इस दिल पे लगा के ठेस जाने वो कौन सा देश

जहाँ तुम चले गये...

हो कहाँ तुम चले गये !!!

No comments:

Post a Comment