Shiva Tandava Stotram (शिवताण्डवस्तोत्रम्) is a stotra,hymn of praise in the Hindutradition that describes Shiva's power and beauty. It was sung by the son of Rishi Vishrawas (aka Vishrava),Ravana. Both the ninth and tenth quatrains of this hymn conclude with lists of Shiva's epithets as destroyer, even the destroyer of death itself. Alliterationand onomatopoeiacreate roiling waves of resounding beauty in this example of Hindu devotional poetry.
जिनके जटा रूपी वन से नकलती हुई गंगाजी के गिरते हुए प्रवाहों से पवित्र
किये गए गले में सर्पों की लटकती हुई विशाल माला को धारण कर , डमरू
के डम –डम शब्दों से मंडित प्रचंड तांडव किया , वे शिवजी हमारे कल्याण
का विस्तार करें
किये गए गले में सर्पों की लटकती हुई विशाल माला को धारण कर , डमरू
के डम –डम शब्दों से मंडित प्रचंड तांडव किया , वे शिवजी हमारे कल्याण
का विस्तार करें
With his neck, consecrated by the flow of water flowing from the thick forest-like locks of hair, and on the neck, where the lofty snake is hanging garland, and the Damaru drum making the sound of Damat Damat Damat Damat, Lord Shiva did the auspicious dance of Tandava and may He shower prosperity on us all
जिनका मस्तक जटा रूपी कड़ाह में वेग से घूमती हुई गंगा के च्न्काह्ल
तरंग- लताओं से सुशोभित हो रहा है , ललाट-अग्नि धक् -धक् जल रही
है , सर पर बाल -चन्द्रमा विराजमान है , उन शिव में मेरा निरंतर अनुराग
हो
तरंग- लताओं से सुशोभित हो रहा है , ललाट-अग्नि धक् -धक् जल रही
है , सर पर बाल -चन्द्रमा विराजमान है , उन शिव में मेरा निरंतर अनुराग
हो
I have a very deep interest in Lord Shiva, whose head is
glorified by the rows of moving waves of the celestial river
Ganga, agitating in the deep well of his hair-locks, and who
has the brilliant fire flaming on the surface of his forehead,
and who has the crescent moon as a jewel on his head.
glorified by the rows of moving waves of the celestial river
Ganga, agitating in the deep well of his hair-locks, and who
has the brilliant fire flaming on the surface of his forehead,
and who has the crescent moon as a jewel on his head.
गिरिराजकिशोरी पार्वती के विलास कालोपयोगी शिरो भूषण से समस्त
दिशाओं को प्रकाशित होते देख जिनका मन आनंदित हो रहा है , जिनकी
निरंतर कृपा दृष्टि से कठिन आपत्ति का भी निवारण हो जाता है , ऐसे
किसी दिगंबर तत्व में मेरा मन विनोद करे
दिशाओं को प्रकाशित होते देख जिनका मन आनंदित हो रहा है , जिनकी
निरंतर कृपा दृष्टि से कठिन आपत्ति का भी निवारण हो जाता है , ऐसे
किसी दिगंबर तत्व में मेरा मन विनोद करे
May my mind seek happiness in the Lord Shiva, in whose mind all the living beings of the glorious universe exist, who is the sportive companion of Parvati (daughter of the mountain king), who controls invincible hardships with the flow of his compassionate look, who is all-persuasive (the directions are his clothes)
जिनके जटाजूट भुजंगों के फणों की माणियों का फैलता हुआ पिंगल
प्रभापुंज अन्गनाओं के मुख पर कुंकुमराग का अनुलेप कर रहा है ,
मतवाले हाथी के हिलते हुए चमड़े का उत्तरीय वस्त्र धारण करने से स्निग्ध
वर्ण हुए भूत नाथ मेरे चित अद्भुत विनोद करे
प्रभापुंज अन्गनाओं के मुख पर कुंकुमराग का अनुलेप कर रहा है ,
मतवाले हाथी के हिलते हुए चमड़े का उत्तरीय वस्त्र धारण करने से स्निग्ध
वर्ण हुए भूत नाथ मेरे चित अद्भुत विनोद करे
May I seek wonderful pleasure in Lord Shiva, who is
supporter of all life, who with his creeping snake with reddish
brown hood and with the luster of his gem on it spreading
out variegated colors on the beautiful faces of the maidens of
directions, who is covered with a glittering upper garment
made of the skin of a huge intoxicated elephant
जिनकी चरण पादुकाएं इंद्र आदि समस्त देवताओं के { प्रणाम करते
समय } मस्तक वर्ती कुसुमों की धूलि से घुसरित हो रही है , नागराज के
हार से बंधी हुई जटा वाले वे भगवान चन्द्रशेखर मेरे लिए चिर स्थायिनी
संपत्ति के साधक हों
समय } मस्तक वर्ती कुसुमों की धूलि से घुसरित हो रही है , नागराज के
हार से बंधी हुई जटा वाले वे भगवान चन्द्रशेखर मेरे लिए चिर स्थायिनी
संपत्ति के साधक हों
May Lord Shiva give us prosperity, who has the moon
(relative of the Cakora bird) as his head-jewel, whose hair is
tied by the red snake- garland, whose foot-stool is grayed by
the flow of dust from the flowers from the rows of heads of
all the Gods, Indra/Vishnu and others
(relative of the Cakora bird) as his head-jewel, whose hair is
tied by the red snake- garland, whose foot-stool is grayed by
the flow of dust from the flowers from the rows of heads of
all the Gods, Indra/Vishnu and others
जिसने ललाट वेदी पर प्रज्वलित हुई अग्नि के स्फुर्लिंगों के तेज से
कामदेव को नष्ट कर डाला था, , जिसे इंद्र नमस्कार करते हैं , सुधाकर की
कला से सुशोभित मुकुटवाला वह उन्नत विशाल ललाट वाला जटिल
मस्तक हमारी संपत्ति का साधक हो
कामदेव को नष्ट कर डाला था, , जिसे इंद्र नमस्कार करते हैं , सुधाकर की
कला से सुशोभित मुकुटवाला वह उन्नत विशाल ललाट वाला जटिल
मस्तक हमारी संपत्ति का साधक हो
May we get the wealth of Siddhis from Shiva's locks of hair, which
devoured the God of Love with the sparks of the fire flaming in
His forehead, who is bowed by all the celestial leaders, who is
beautiful with a crescent moon.
devoured the God of Love with the sparks of the fire flaming in
His forehead, who is bowed by all the celestial leaders, who is
beautiful with a crescent moon.
जिन्होंने अपने विकराल भाल पट्ट पर धक् -धक् जलती हुई अग्नि में
प्रचंड कामदेव को हवन कर दिया था, गिरिराज किशोरी के स्तनों पर पत्र
भंग रचना करने के एकमात्र कारीगर( यहाँ पार्वती प्रकृति हैं, तथा
चित्रकारी सृजन है), उन भगवान त्रिलोचन में मेरी धारणा लगी रहे
My interest is in Lord Shiva, who has three eyes, who has offered
the powerful God of Love into the fire, flaming Dhagad Dhagad on
the flat surface of his forehead who is the sole expert artist of
drawing decorative lines on the tips of breasts of Parvati, the
daughter of
the mountain king
जिनके कंठ में नवीन मेघमाला से घिरी हुई अमावस्या की आधी रात्रि के
समय फैलते हुए दुरूह अन्धकार के समान श्यामता अंकित है , जो
गजचर्म लपेटे हुए हैं , वे संसार को धारण करने वाले चन्द्रमा से मनोहर
काँटी वाले भगवान् गंगाधर मेरी संपत्ति का विस्तार करें
May Lord Shiva give us prosperity, who bears the burden of this
universe, who is lovely with the moon, who is red wearing the
skin, who has the celestial river Ganga, whose neck is dark as
midnight of new moon night covered by many layers of clouds.
जिनका कंठ देश खिले हुए नील कमल समूह की श्याम प्रभा का अनुकरण
करने वाली हरिणी की छवि वाले चिन्ह से सुशोभित है तथा जो कामदेव ,
त्रिपुर भव { संसार } , दक्ष - यज्ञ , गजासुर , अंधकासुर और यमराज का
भी उच्छेदन करने वाले हैं उन्हें मैं भजता हूँ
करने वाली हरिणी की छवि वाले चिन्ह से सुशोभित है तथा जो कामदेव ,
त्रिपुर भव { संसार } , दक्ष - यज्ञ , गजासुर , अंधकासुर और यमराज का
भी उच्छेदन करने वाले हैं उन्हें मैं भजता हूँ
I pray to Lord Shiva, whose neck is tied with the luster of the
emples hanging on the neck with the glory of the fully-
bloomed blue lotuses which looked like the blackness (sins)
of the universe, who is the killer of Manmatha, who
destroyed Tripuras, who destroyed the bonds of worldly life,
who destroyed the sacrifice, who destroyed the demon
Andhaka, the destroyer of the elephants, and who controlled
the God of death, Yama.
emples hanging on the neck with the glory of the fully-
bloomed blue lotuses which looked like the blackness (sins)
of the universe, who is the killer of Manmatha, who
destroyed Tripuras, who destroyed the bonds of worldly life,
who destroyed the sacrifice, who destroyed the demon
Andhaka, the destroyer of the elephants, and who controlled
the God of death, Yama.
जो अभिमान रहित पार्वती की कला रूप कदम्बमंजरी मकरंद स्रोत की
बढती हुई माधुरी के पान करने वाले मधुप हैं तथा कामदेव,त्रिपुर, भव,
दक्ष-यज्ञ,गजासुर,अंधकासुर और यमराज काभीअंतकरनेवालेहैं,
उन्हें मैं भजता हूँ
बढती हुई माधुरी के पान करने वाले मधुप हैं तथा कामदेव,त्रिपुर, भव,
दक्ष-यज्ञ,गजासुर,अंधकासुर और यमराज काभीअंतकरनेवालेहैं,
उन्हें मैं भजता हूँ
I pray to Lord Shiva, who has bees flying all over because of the
sweet honey from the beautiful bunch of auspicious Kadamba
flowers, who is the killer of Manmatha, who destroyed Tripuras,
who destroyed the bonds of worldly life, who destroyed the
sacrifice, who destroyed the demon Andhaka, the killer of Gajasur
and Andhakasur , and who controlled the God of death, Yama.
sweet honey from the beautiful bunch of auspicious Kadamba
flowers, who is the killer of Manmatha, who destroyed Tripuras,
who destroyed the bonds of worldly life, who destroyed the
sacrifice, who destroyed the demon Andhaka, the killer of Gajasur
and Andhakasur , and who controlled the God of death, Yama.
जिनके मस्तक पर बड़े वेग के साथ घूमते हुए भुजंग के फुफकारने से
ललाट की भयंकर अग्नि क्रमशः धधकती हुई फैल रही है , धिमि -धिमि
बजते हुए मृदंग गंभीर मंगल घोष के क्रमानुसार जिनका प्रचंड तांडव हो
रहा है , उन भगवान् शंकर की जय हो
ललाट की भयंकर अग्नि क्रमशः धधकती हुई फैल रही है , धिमि -धिमि
बजते हुए मृदंग गंभीर मंगल घोष के क्रमानुसार जिनका प्रचंड तांडव हो
रहा है , उन भगवान् शंकर की जय हो
Lord Shiva, whose dance of Tandava is in tune with the
series of loud sounds of drum making Dhimid Dhimid
sounds, who has the fire on the great forehead, the fire that
is spreading out because of the breath of the snake
wandering in whirling motion in the glorious sky
series of loud sounds of drum making Dhimid Dhimid
sounds, who has the fire on the great forehead, the fire that
is spreading out because of the breath of the snake
wandering in whirling motion in the glorious sky
पत्थर और सुन्दर बिछौने में , सांप और मुक्ता की माला में , बहुमूल्य रत्न
तथा मिटटी के ढेले में , मित्र या शत्रु पक्ष में , तृण अथवा कमल लोचन
तरुणी में , प्रजा और पृथ्वी के महाराज में सामान भाव रखता हुआ मैं कब
सदाशिव को भजुन्गा
तथा मिटटी के ढेले में , मित्र या शत्रु पक्ष में , तृण अथवा कमल लोचन
तरुणी में , प्रजा और पृथ्वी के महाराज में सामान भाव रखता हुआ मैं कब
सदाशिव को भजुन्गा
When will I worship Lord Sadasiva (eternally auspicious) God,
with equal vision towards the people and an emperor, and a blade
of grass and lotus-like eye, towards both friends and enemies,
towards the valuable gem and some lump of dirt, towards a snake
and a garland and towards varied ways of the world
with equal vision towards the people and an emperor, and a blade
of grass and lotus-like eye, towards both friends and enemies,
towards the valuable gem and some lump of dirt, towards a snake
and a garland and towards varied ways of the world
सुन्दर ललाट वाले भगवान चन्द्रशेखर में दत्त चित्त हो अपने कुविचारों को
त्याग का गंगा जी के तटवर्ती निकुंज के भीतर रहता हुआ सिर पर
हाथ जोड़ डबडबाई हुई विह्वल आँखों से ...शिव ....मन्त्र का उच्चारण
करता हुआ मैं कब सुखी होऊंगा ?
त्याग का गंगा जी के तटवर्ती निकुंज के भीतर रहता हुआ सिर पर
हाथ जोड़ डबडबाई हुई विह्वल आँखों से ...शिव ....मन्त्र का उच्चारण
करता हुआ मैं कब सुखी होऊंगा ?
Whoever reads, remembers and says this best stotra as it is
said here, gets purified for ever, and obtains devotion in the
great Guru Shiva. For this devotion, there is no other way.
Just the mere thought of Lord Shiva indeed removes the
delusion
जो मनुष्य इस प्रकार से उक्त इस उत्तम स्त्रोत का नित्य पाठ, स्मरण और
वर्णन करता है , वह सदा शुद्ध रहता है और शीघ्र ही सुरगुरु श्री शंकर की
अच्छी भक्ति प्राप्त कर लेता है , वह विरुद्ध गति को प्राप्त नहीं होता है ,
क्योंकि श्रीशिवजी का अच्छी प्रकार का चिंतन प्राणी वर्ग के मोह का नाश
करने वाला है
Whoever reads, remembers and says this best stotra as it is said
here, gets purified for ever, and obtains devotion in the great Guru
Shiva. For this devotion, there is no other way. Just the mere
thought of Lord Shiva indeed removes the delusion
सांयकाल में पूजा समाप्त होने पर रावन के गाये हुए इस शम्भु पूजन
सम्बन्धी स्त्रोत का जो पाठ करता है , भगवान संकर उस मनुष्य को रथ,
हाथी , घोड़ों से युक्त सदा स्थिर रहने वाली अनुकूल संपत्ति देते हैं
सम्बन्धी स्त्रोत का जो पाठ करता है , भगवान संकर उस मनुष्य को रथ,
हाथी , घोड़ों से युक्त सदा स्थिर रहने वाली अनुकूल संपत्ति देते हैं
In the evening, after sunset, at the end of Puja, whoever utters this
stotra dedicated to the worship of Shiva, Lord Shiva blessed him
with very stable Lakshmi (prosperity) with all the richness of
chariots, elephants and horses
stotra dedicated to the worship of Shiva, Lord Shiva blessed him
with very stable Lakshmi (prosperity) with all the richness of
chariots, elephants and horses
इति रावण कृतं शिव तांडव स्तोत्रं सम्पूर्णं ॥
Thus ends the Shiva-Tandava Stotra written by Ravana ||
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