Sunday, June 1, 2014

अब के बरस भेज भैय्या को बाबुल ....


अब के बरस भेज भैय्या को बाबुल, सावन में लीजो बुलाए रे |

लौटेंगी जब मेरे बचपन की सखियाँ, देजो संदेशा भिजाए रे |

अब के बरस भेज भैय्या को बाबुल ...



अम्बुवा तले फिर से झूले पड़ेंगे, रिमझिम पड़ेंगी फुहारें |

लौटेंगी फिर तेरे आंगन में, बाबुल सावन की ठंडी बहारें ||

छलके नयन मोरा कसके रे जियरा, बचपन की जब याद आए रे |

अब के बरस भेज भैय्या को बाबुल ...


बैरन जवानी ने छीने खिलौने, और मेरी गुड़िया चुराई |

बाबुल थी मैं तेरे नाज़ों की पाली, फिर क्यों हुई मैं पराई ||

बीते रे जग कोई चिठिया न पाती, न कोई नैहर से आए रे |

अब के बरस भेज भैय्या को बाबुल ..


अब के बरस भेज भैय्या को बाबुल, सावन में लीजो बुलाए रे |

लौटेंगी जब मेरे बचपन की सखियाँ, देजो संदेशा भिजाए रे ||

अब के बरस भेज भैय्या को बाबुल, सावन में लीजो बुलाए रे |




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