एक बार दूरदर्शन पर एक कन्नड़ फ़िल्म चल रही थी , भाषा के चलते पहले तो तो फ़िल्म कुछ समझ में नहीं आई , लेकिन शुरू के कुछ मिनट देखने के बाद उसके रहस्यमय - भावनात्मक प्लाट से मुझे इतना लगाव हो गया कि चॅनेल बदलने के लिए मेरे हाथ ही नहीं उठे। यह फ़िल्म थीBeladingala Baale जिसे सुनील कुमार देसाई ने निर्देशित किया था और जिसमें अनंत नाग और सुमन नगरकर मुख्य भूमिका में थे |
यह फ़िल्म यंदामूरी वीरेन्द्रनाथ द्वारा लिखित तेलगु नॉवेल वेनलालो अङपिल्ला पर आधारित है। तेलगु और कन्नड़ मेंBeladingala Baale का अर्थ है "लेडी इन मूनलाइट " ।
Beladingala Baale एक शतरंज के खिलाडी रेवंत [ अनंत नाग ] कि कहानी है। रेवंत भारतीय ग्रैंडमास्टर है जो विश्व - चैंपियन पोलांस्की को हराकर विश्वविख्यात हो जाता है। रेवंत बैंगलोर कि कनारा एडवरटाइजिंग सर्विस में असिस्टेंट एग्जीक्यूटिव है। रेवंत का बेहद करीबी दोस्त और बॉस जेम्स [ रमेश भट्ट ] और उसके अन्य सहयोगी उसकी सफलता से बेहद खुश होते हैं। लेकिन रेवंत के मन में कहीं न कहीं यह टीस रहती है कि उसने इतना बड़ा खिताब हांसिल किया है लेकिन फिर भी उसके प्रशंसक न के बराबर है और उसे मीडिया और समाज से भी कोई खास मान्यता नहीं मिल पाई है ।
इसी उधेड़बुन में रेवंत डूबा हुआ अपनी मन कि व्यथा जेम्स से शेयर कर रहा होता है तभी अचानक एक महिला का फ़ोन कॉल आता है। महिला उसे बधाई देते हुए कहती है कि वह उसकी बहुत बड़ी प्रशंसक है , लेकिन वह अपने नाम का खुलासा करने से साफ़ मना कर देती है। और रेवंत को एक पहेली देती है कि उसका नाम R से शुरू होता है क्या आधे घण्टे के अंदर रेवंत उसका नाम बता सकता है। रेवंत भी अपने इस इकलौते प्रशंसक कि चुनौती को स्वीकार कर लेता है और फिर जेम्स उसे R से शुरू होने वाले कई नाम सुझाता है , जिन्हें सुन कर वह महिला फ़ोन डिसकनेक्ट कर देती है । रेवंत समझ गया की जेम्स कि इन्वॉल्वमेंट के कारण वह महिला नाराज़ हो गई है।
कुछ दिनों के बाद उस महिला का फिर फ़ोन आता है। रेवंत उससे अपने व्यवहार के लिए माफ़ी मांगता है। रेवंत उस महिला की मंत्रमुग्ध कर देने वाली आवाज़ से प्रभावित हो कर उससे मिलाने कि इच्छा प्रगट करता है। वह महिला कहती है कि वह रेवंत से एक ही शर्त पर मिल सकती है यदि रेवंत दो मिनट के अंदर यह बता दे कि वोह किस नम्बर से कॉल कर रही है , इसके लिए वह रेवंत को एक पहेली बोलती है जिसमे उसका फ़ोन नंबर छुपा होता है। लेकिन रेवंत बता नहीं पाता है फिर वह पहेली का गलत समाधान कर एक गलत टेलीफोन बूथ में चला जाता हैं जहां वह और दूसरी मुसीबत में फंस जाता है। जेम्स उसे टेलीफोन एक्सचेंज कि मदद लेने के लिए कहता है , फिर भी रेवंत को निराशा ही हाथ लगती है। फिर जेम्स अपनी गर्ल फ्रेंड से मदद लेने कि सोचता है जो एक टेलीफोन ऑपरेटर है।
उस रहस्यमय औरत का फ़ोन नंबर और पता लगाने के चक्कर में रेवंत नई -नई मुसीबतों में फंसता चला जाता है कभी एक कमरे में जाने पर उसे पुलिस पकड़ लेती है क्योंकि वहाँ एक लड़की ने आत्महत्या कि होती है |कभी कभी वह वह एक्सट्रीम काम कर बैठता है जिसमें विधान सभा के बाहर अम्बेडकर कि मूर्ति के हाथ का एंगल नापने कि कोशिश भी करता है। काफी जद्दोजहद के बाद उस महिला के द्वारा पोस्ट किये गए एक लैटर के जरिये रेवंत निर्धारित करता है कि उस महिला का नाम रम्या है।
शीघ्र ही पोलांस्की का भारत में आगमन होता है और रेवंत को उसके साथ एक टूर्नामेंट खेलने कि घोषण होती है |लेकिन पोलांस्की के साथ खेलने से पहले रेवंत को लोकल चेस मास्टर प्रभाकर को हराना जरुरी होता है। प्रभाकर खेल के दौरान रेवंत के ऊपर आरोप लगता है कि रेवंत ने अपने पैंट कि जेब में एक निम्बू रखा हुआ है और उसके काले जादू के कारण प्रभाकर को सम्मोहित कर लिया है। यह बदला लेने की चाल एक सीताराम नामक नॉवलिस्ट कि होती है जिसके लिए रेवंत ने उसकी एक पुस्तक कि भूमिका लिखने से मना कर दिया था । रेवंत उस गेम से disqualified हो जाता है और उसे अपनी जॉब से भी इस्तीफा देना पड़ जाता है।
ऐसे में Beladingala Baale उसे फ़ोन करती है और कहती है कि रेवंत अपना धीरज न खोये और हार मानने कि जगह अपने ऊपर लगे आरोपों और विपरीत हालातों का जम कर मुकाबला करे । रहस्यमय औरत उसे प्रभाकर के साथ छह अन्य प्लेयर्स के साथ एक साथ आँखों में पट्टी बांध कर खेलने का सुझाब देती है । रेवंत ऐसा ही करता है और अभूतपूर्व जीत अर्जित करता है, इससे उसके दामन में लगा दाग धुल जाता है और उसे अपना खोया हुआ मान सम्मान फिर से मिल जाता है। और रेवंत फिर से एक रियल चैम्पियन बन जाता है।
जेम्स रेवंत को कहता है कि वह सुलोचना से शादी करने वाला है , यह वाही टेलीफोन ऑपरेटर है जो रेवंत के लिए टेलीफोन टैपिंग का काम करती थी। रेवंत फ़ोन पर रम्या को कहता है कि वह जेम्स के लिए खुश है साथ ही वह रम्या से मिलने की अपनी इच्छा भी जाहिर करता है। वह उसे कहती है कि उसे उस लड़की का पता चार दिनों के अंदर ही लगाना होगा जो एक डेडलाइन है।
रेवंत उस रहस्यमय लड़की का पता लगाने में निरंतर असफल होता जाता है , इससे उसमें खिन्नता का भाव भरता जा रहा था। और आखिर वह दिन आ जाता है जब उस लड़की ने उसे डेडलाइन दी होती है , उसी दिन उसका पोलांस्की के साथ मैच भी होता है। मैच खेलने के लिए रेवंत को दिल्ली जाना होता है। तभी रम्या का फ़ोन आता है कि यदि पञ्च मिनट के अंदर रेवंत अशोका होटल पहुंच जाता है तो उसकी उससे मुलाकात हो सकती है क्योंकि वह अपनी सहेलियों के साथ वहाँ जा रही है। यह सुनते है रेवंत अशोका होटल पहुँच जाता है लेकिन वह जब होटल के रूम में पहुंचता है तो देखता है कि वह कमरा बहुत से लड़कियों से भरा हुआ है , फिर वह एक झलक ही देख पाता है कि उस लड़की ने अपने एक हाथ में एक विशिष्ट प्रकार का एक गहना पहना हुआ होता है। रेवंत तब जेम्स को फ़ोन करता है जो अपने पञ्च अन्य दोस्तों के साथ बाइक्स पर आता है वे सभी अलग अलग जा कर उन सभी लड़कियों का पीछा करता हैं लेकिन अंत में सभी को लड़कियों का पीछा करने के कारण उनके गुस्से का शिकार बनना पड़ता है। रेवंत मैच खेलने के लिए दिल्ली जाने के लिए एयरपोर्ट का रुख करता है।
पोलांस्की के विरुद्ध खेलते हुए रेवंत का ध्यान भटक जाता है क्योंकि उसके पास रम्या का पता लगाने के लिए कुछ ही घंटे शेष थे। वास्तव में वह चेस खलते समय मोहरों को ऐसा ही रुख करता है जैसे वह Beladingala Baale कि दी गई पहेली को सोल्व कर रहा हो। ऐसा करते हुए वह चेस कि मूव को चोपट कर बैठता है लेकिन उसका पता डिकोड कर लेता है। वह जान लेता है कि रम्या का पता JP Nagar , बैंगलोर है। पोलांस्की मैच जीत जाता है , लेकिन रेवंत ख़ुशी से चिल्ला पड़ता है कि "तुमने यह मैच जीता है लेकिन मैंने अपनी लाइफ का मैच जीत लिया है ! " वह जेम्स को फ़ोन करता है और पता लगाने को कहता है कि JP Nagar में पॉश घरों का पता लगाये जिनका नाम रम्या हो। वह सुलोचना को भी फ़ोन करता है कि वह पता लगाये कि JP Nagar में उन सभी नामों और कम्पनीज के टेलीफोन नम्बर्स का पता लगाये जिनके नाम रम्या से शुरू होते हैं। तब रेवंत को पता चलता है कि उस लड़की के फ़ोन नंबर 6137336 है।
जैसे ही रेवंत बैंगलोर एयरपोर्ट से बाहर आता है उसे रम्या के पिता जी मिलते हैं। रेवंत उनसे कहता है कि अभी भी कुछ मिनट शेष हैं डेडलाइन पूरी होने में कि वह अड्रेस और फ़ोन नंबर का पता लगा सके , तब वह निश्चित रूप से शर्त जीत जायेगा। रम्या के पिता उसे अपने साथ अपने घर आने के लिए कहते हैं। रास्ते में रम्या के पिता रम्या का लिखा हुआ एक लैटर रेवंत को पकड़ते हैं। लैटर में रम्या ने लिखा होता है कि रम्या को एक असाध्य रोग था जिसके कारण उसके पास जीने के लिए केवल छह महीने ही थे। जीवन के अंतिम क्षणों में उसने यह निश्चय किया था कि आने वाले समय में वह अपने किसी भी दोस्त को अपनी बीमारी के बारे में नहीं बताएगी और जीवन को पुरे जिंदादिली से जियेगी।
लैटर पढ़ कर रेवंत बुरी तरह से टूट जाता है। रम्या के पिता उसे घर आने के लिए कहते हैं जहां रम्या कि अर्थी रखी होती है। कफ़न से उसका एक हाथ बाहर निकला होता है उसमें वही विशिष्ट गहना होता है। रेवंत घर में घुसने कि बजह पलट कर वापस चलने लगता है । जेम्स के पूछने पर रेवंत कहता है कि रम्या उसके कल्पना का एक जीवंत हिस्सा है और वह चाहता है कि वह हमेशा उसकी कल्पना में जीवित रहे इसलिए उसने उसका शरीर और चेहरा नहीं देखा ।रम्या की अर्थी से दूर जाते हुए रेवंत के साथ फ़िल्म समाप्त हो जाती है।
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